Wednesday, 9 July 2014

वेंकटेश्वर मन्दिर

* भगवान विष्णु का प्रसिद्ध तिरुपति वेंकटेश्वर मन्दिर आन्ध्र प्रदेश के चित्तूर
जिले के तिरुपति में स्थित है,

* तिरुमाला के सात पर्वतों में से एक वेंकटाद्रि पर बना वेंकटेश्वर मन्दिर यहाँ का
सबसे बड़ा आकर्षण का केन्द्र है

* इसे सात पर्वतों के मन्दिर के नाम से जाना जाता है

* मन्दिर परिसर में खूबसूरती से बनाए गए अनेक द्वार, मंडप और छोटे मन्दिर
दर्शनीय हैं।


वाइपर द्वीप

* यह भारत का केन्द्र शासित प्रदेश अन्डमान एव निकोबार द्वीप समूह की
राजधानी पोर्टब्लेयर के नजदीक स्थित है

* अंग्रजी शासन के दौरान भारत से बन्दी बनाकर लाे गए लोगों को काला पानी की
सजा देने के लिए इसी द्वीप पर सर्वप्रथम उतारा जाता था

* इस द्वीप पर अंग्रेजों ने सर्वप्रथम जेल बनाई थी

* यहीं पर शेर अलीको भी फांसी दी गई थी जिसने 1872 ई. में भारत के गवर्नर
जनरल लार्ड मेयो की हत्या की थी

* आज भी यहाँ टूटे फूटे फांसी के फन्दे निर्मम अतीत के साक्षी बनकर खड़े हैं

* अब यह द्वीप एक पिकनिक स्थल के रूप में विकसित होचुका है।



देवधर

* देवधर झारखण्ड राज्य का एक शहर है इस शहर को बाबा धाम के नाम जाना
जाता है, क्योंकि शैव पुराण में देवधर को बारह ज्योतिर्लिगों में से एक माना गया
है,

* यहाँ बाबा बैद्दनाथ का एतिहासिक मंदिर है जो भारत के बारह ज्योतिर्लिंगो मे से
एक है

* ऐसा माना जाता है कि रावण द्वारा भगवान शिव के लिंग को लंका ले जाने के
दौरान उसकी स्थापना यहाँ हुई थी, क्योंकि रावण ने शिव लिंग को यहीं रख दिया
था, रावण की लाख कोशिशके बाद भी यह लिंग हिला तक नहीं और यहीं
स्थापित हो गया,

* इस एतिहासिक मंदिर की स्थापना 1596 ई.में बेजू नामक व्यक्ति ने खोए हुएल
लिंग को ढूँढ़कर की, तबसे इस मंदिर का नाम वैद्दनाथ पड़ गया।


उच्छ

* उच्छ वर्तमान में पाकिस्तान में स्थत है मध्यकाल में उच्छ का सामरिक महत्व था

* 12वीं शताब्दी में यहाँ पर करामिता वंश के मुसलमानों का शासन था

*1175 ई. मुहम्मद गोरी ने प्रथम अभियान में सबसे पहले मुल्तान और उच्छ को भी जीता था

* उच्छ व्यापारिक गतिविधियों एवं हस्तशिल्प का केन्द्र भी था।


कामख्या पीठ

* कामख्या शक्तिपीठ का भारत के 51 शक्तिपीठों में सर्वोच्च स्थान है,

* हिन्दू धर्म के पुराणों के अनुसार जहाँ जहाँ सती के अंग के टुकड़े धारण किए हुए
वस्त्र या आभूषण गिरे, वहाँ वहाँ शक्तिपीठ अस्तित्व में आए,

* यह असोम राज्य के गुवाहाटी में स्थित है,

* यह मन्दिर शक्ति की देवी सती का मन्दिर है,

* यह मन्दिर नीलांचल अथवा नील शैल पर्वत पर बना है,

*प्राचीनकाल से सतयुगीन तीर्थ कामख्या वर्तमान में तंत्र सिद्धि का सर्वोच्च स्थल
है,

* इस तीर्थस्थल के मन्दिर में शक्ति की पूजा योनि रूप में होती है यहाँ कोई देवी
मूर्ति नही है योनि के आकार का शिलाखण्ड है जिसके ऊपर लाल रंग केी गेरु के
घोल की धारा गिराई जाती है और वह रक्त वर्णके वस्त्र से ढका रहता है,

* जो मनुष्य इस शिला का दर्शन व स्पर्श करते हैं वे देवी कृपा व मोक्ष के साथ माँ
भगवती का सानिध्य प्राप्त करते हैं।


मेरठ

* यह प्राचीन शहर हस्तिनापुर का अवशेष है, जो महाभारत काल में कौरव राज्य
की राजधानी थी, जो बहुत पहले गंगा नदी की बाढ़ में बह गई थी

* मेरठ को दैत्यराज रावण की ससुराल भी माना जाता है

* छठी शताब्दी के बलुआ पत्थर से बने अशोक स्तम्भ के मौर्य सम्राट अशोक ने
मेरठ में ही स्थापित करवाया था, जिसे दिल्ली सल्तनत के सुल्तान फिरोजशाह
तुगलक ने उखड़वाकर दिल्ली में स्थापित करवाया

* मुगल सम्राट अकबर के कार्यकाल में यहाँ ताँबे के सिक्कों की टकसाल थी
यहाँ लगने वाला नौचन्दी का मेला प्रसिद्ध है।


निशात बाग

* यह बगीचा श्री नगर में स्थित है जिसे 1633 ई. नूरजहाँ के भाई आसिफ खान ने
बनवाया था
* इस बाग की संरचना आयताकार है जो 1800 फीट पहाड़ी की ओर लम्बाई तथा
1100 फीट चौड़ाई लिए हुए है
* यह बाग पहाड़ी के ढलान पर स्थित है जिसे ऊपर से नीचे की ओर 12 समतल
चरणों (पायदानों) में विभाजित किया गया है
* कहा जाता है कि ये बारह भाग राशि चक्र के बारह राशियों पर आधारित है।


अहमदाबाद

* अहमदाबाद का नाम सुल्तान अहमदशाह के नाम पर रखा गया है,
* सुल्तान अहमदशाह ने इस शहर की स्थापना साबरमती के तट पर 1411 ई. में
की थी
* अहमदाबाद को कर्णवती के नाम से भी जाना जाता है
* इसी शहर में महात्मा गांधी जी ने 1917 में साबरमती आश्रम की स्थापना की
और स्वतंत्रता संघर्ष से जुड़े अनेक आन्दोलन की शुरुआत भी यंही से हुई थी
* अहमदाबाद शहर व्यापार और वाणिज्य के केन्द्र के रूप में बहुत बिकसित रहा है
* अहमदाबाद को भारत का मानचेस्टर कहा जाता है।


अलवर

* यह राजस्थान का ऎतिहासिक नगर है जो अरावली पर्वत श्रृंखलाओं के बीच बसा
हुआ है,
* मुगलकाल के पराभव के दौरान 1776 ई में कछवाहा राजपूत राव राजा प्रताप
सिंह ने अलवर राज्य की स्थापना की थी,
* महाभारत के कार्यकाल में पाण्डवों ने यहाँ अज्ञातवास किया था,
* महाभारत काल में अलवर प्राचीन मत्स्य प्रदेश का हिस्सा रहा है, जिसकी
राजधानी विराट थी,
* अलवर का बाला दुर्ग प्रसिद्ध है, मुगल सम्राट अकबर ने अपने नाराज बेटे सलीम
को यहीं नजरबन्द किया था,
* अलवर में मूसी रानी की छतरी 80 खम्भों पर टिकी है, इसलुए इसे अस्सी खम्भों
की छतरी भी कहते हैं,
* अलवर को राजस्थान का सिंह द्वार तथा पू्र्वी राजस्थान का कश्मीर कहा जाता
है।
 
 
 
 
 

व्यावहारिकबुद्धि, मध्यमबुद्धि और अतिबुद्धि में अन्तर

एक सरोवर मेँ तीन दिव्य मछलियाँ रहती थीँ। वहाँ की तमाम मछलियाँ उन तीनोँ के प्रति ही श्रध्दा मेँ बँटी हुई थीँ।
एक मछली का नाम व्यावहारिकबुद्धि था, दुसरी का नाम मध्यमबुद्धि और तीसरी का नाम अतिबुद्धि था।
अतिबुद्धि के पास ज्ञान का असीम भंडार था। वह सभी प्रकार के शास्त्रोँ का ज्ञान रखती थी।
मध्यमबुद्धि को उतनी ही दुर तक सोचनेँ की आदत थी, जिससे उसका वास्ता पड़ता था। वह सोचती कम थी, परंपरागत ढंग से अपना काम किया करती थी।
व्यवहारिक बुद्धि न परंपरा पर ध्यान देती थी और न ही शास्त्र पर। उसे जब जैसी आवश्यकता होती थी निर्णय लिया करती थी और आवश्यकता न पड़नेँ पर किसी शास्त्र के पन्ने तक नहीँ उलटती थी।
एक दिन कुछ मछुआरे सरोवर के तट पर आये और मछलियोँ की बहुतायत देखकर बातेँ करनेँ लगे कि यहाँ काफी मछलियाँ हैँ, सुबह आकर हम इसमेँ जाल डालेँगे। उनकी बातेँ मछलियोँ नेँ सुनीँ।
व्यवहारिक बुद्धि नेँ कहा-” हमेँ फौरन यह तालाब छोड़ देना चाहिए। पतले सोतोँ का मार्ग पकड़कर उधर जंगली घास से ढके हुए जंगली सरोवर मेँ चले जाना चाहिये।”
मध्यमबुद्धि नेँ कहा- ” प्राचीन काल से हमारे पूर्वज ठण्ड के दिनोँ मेँ ही वहाँ जाते हैँ और अभी तो वो मौसम ही नहीँ आया है, हम हमारे वर्षोँ से चली आ रही इस परंपरा को नहीँ तोड़ सकते। मछुआरोँ का खतरा हो या न हो, हमेँ इस परंपरा का ध्यान रखना है।”
अतिबुद्धि नेँ गर्व से हँसते हुए कहा-” तुम लोग अज्ञानी हो, तुम्हेँ शास्त्रोँ का ज्ञान
नहीँ है। जो बादल गरजते हैँ वे बरसते नहीँ हैँ। फिर हम लोग एक हजार तरीकोँ से तैरना जानते हैँ, पानी के तल मेँ जाकर बैठनेँ की सामर्थ्यता है, हमारे पूंछ मेँ इतनी शक्ति है कि हम जालोँ को फाड़ सकती हैँ। वैसे भी कहा गया है कि सँकटोँ से घिरे हुए हो तो भी अपनेँ घर को छोड़कर परदेश चले जाना अच्छी बात नहीँ है। अव्वल तो वे मछुआरे आयेँगे नहीँ, आयेँगे तो हम तैरकर नीचे बैठ जायेँगी उनके जाल मेँ आयेँगे ही नहीँ, एक दो फँस भी गईँ तो पुँछ से जाल फाड़कर निकल जायेंगे। भाई! शास्त्रोँ और ज्ञानियोँ के वचनोँ के विरूध्द मैँ तो नहीँ जाऊँगी।”
व्यवहारिकबुद्धि नेँ कहा-” मैँ शास्त्रोँ के बारे मेँ नहीँ जानती , मगर मेरी बुद्धि कहती है कि मनुष्य जैसे ताकतवर और भयानक शत्रु की आशंका सिर पर हो, तो भागकर कहीँ छुप जाओ।” ऐसा कहते हुए वह अपनेँ अनुयायिओं को लेकर चल पड़ी।
मध्यमबुद्धि और अतिबुद्धि अपनेँ परँपरा और शास्त्र ज्ञान को लेकर वहीँ रूक गयीं । अगले दिन मछुआरोँ नेँ पुरी तैयारी के साथ आकर वहाँ जाल डाला और उन दोनोँ की एक न चली। जब मछुआरे उनके विशाल शरीर को टांग रहे थे तब व्यवहारिकबुद्धि नेँ गहरी साँस लेकर कहा-” इनके शास्त्र ज्ञान नेँ ही धोखा दिया। काश! इनमेँ थोड़ी व्यवहारिक बुद्धि भी होती।”
व्यवहारिक बुद्धि से हमारा आशय है कि किस समय हमेँ क्या करना चाहिए और जो हम कर रहे हैँ उस कार्य का परिणाम निकलनेँ पर क्या समस्यायेँ आ सकती हैँ, यह सोचना ही व्यवहारिक बुद्धि है। बोलचाल की भाषा में हम इसे कॉमन सेंस भी कहते हैं , और भले ही हम बड़े ज्ञानी ना हों मोटी- मोटी किताबें ना पढ़ीं हों लेकिन हम अपनी व्य्वयहारिक बुद्धि से किसी परिस्थिति का सामना आसानी से कर सकते हैं।

Tuesday, 17 June 2014

President of india 's name list since 1950



राष्ट्रपति क्रमानुसार

"राजू की राधा जाकर गिरी फखरूद्दीन रेडी की जैल मेँ तब रामाशंकर नारायण की कलम से प्रतीभा निकली प्रणव की"
1:- राजेन्द्र प्रसाद=> 1952-62 , प्रथम निर्वाचित , तीन बार राष्ट्रपति पद की शपथ , सर्वाधिक अवधि तक राष्ट्रपति "भारत रत्न" मिला ।
2:- सर्वपल्ली राधाकृष्णन=> 1962-67 , उससे पहले दो बार उपराष्ट्रपति(1952-62) , 5 सितम्बर शिक्षक दिवस ,(विश्व शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर) , उपराष्ट्रपति पद पर रहते "भारत रत्न" मिला ।
3:- जाकिर हुसैन=> 1967-69 , प्रथम मुस्लिम राष्ट्रपति .(इनकी राष्ट्रपति पद पे रहते मृत्यु 2 वर्ष) .इनको भी उपराष्ट्रपति पद पर रहते "भारत रत्न" मिला ।
4:- वी॰वी॰गिरी=> 1969-74 , दूसरे चक्र की मतगणना मेँ जीते , "भारत रत्न" मिला ।
5:- फखरूद्दीन=> 1974-77 , सबसे ज्यादा अध्यादेश जारी करने वाले ,.(पिछले जाकिर हुसैन 2 वर्ष तो 1 और जोड़ दो 2+1=3 वर्ष))
6:- नीलम संजीव रेड्डी=> 1977-82 .ये निर्विरोध निर्वाचित होने वाले राष्ट्रपति ,.*ज्ञात्वय=> 25 जुलाई को शपथ ( क्रम 6 से 13 तक के सभी राष्ट्रपतियोँ ने 25 जूलाई को शपथ ली हैँ ।
7:- ज्ञानी जैलसिँह=> प्रथम सिख राष्ट्रपति ।
8:- रामाकृष्ण वेकटरमन=>
9:- शंकरदयाल शर्मा=>
10:- के॰आर॰नारायण=> प्रथम दलित राष्ट्रपति ।
11:- अब्दूल कलाम=> "भारत रत्न मिला , मिसाइल मैन ।
12:- प्रतीभा पाटील=> प्रथम महिला राष्ट्रपति , जन्म स्थान जलगाँव महाराष्ट्र , ससुराल छोटी लोसल सीकर है ,ये राजस्थान की प्रथम महिला राज्यपाल थी , पति देवीसिँह शेखावत ।
13:- प्रणव मुखर्जी=> विपक्षी उम्मीदवार श्री पी॰ए॰संगमा को हराया ।
NOTE- राष्ट्रपति को शपत=> सर्वोच्य न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश।
राष्ट्रपति अपना त्यागपत्र=> उपराष्ट्रपति को ।
तीनोँ सेनाओँ का सर्वोचय अधिकारी (जल थल वायु) का=>राष्ट्रपति ।

GATE 2015

Solving question bank of previous year is one of the best option for preparation for GATE.Now a days GATE is a challenge for every engineering aspirants.Also is a best chance to build their carrier in the field of technology.

THANKS AND BEST OF LUCK TO ALL

Wednesday, 4 June 2014

सफलता के 20 मँत्र



1.खुद की कमाई से कम खर्च हो ऐसी जिन्दगी बनाओ..!
2. दिन मेँ कम से कम 3 लोगो की प्रशंशा करो..!
3. खुद की भुल स्वीकार ने मेँ कभी भी संकोच मत करो..!
4. किसी के सपनो पर हँसो मत..!
5. आपके पीछे खडे व्यक्ति को भी कभी कभी आगे जाने का मौका दो..!
6. रोज हो सके तो सुरज को उगता हुए देखे..!
7. खुब जरुरी हो तभी कोई चीज उधार लो..!
8. किसी के पास से कुछ जानना हो तो विवेक से दो बार पुछो..!
9. कर्ज और शत्रु को कभी बडा मत होने दो..!
10. ईश्वर पर पुरा भरोशा रखो..! मंजिल मिल ही जायेगी भटकते ही सही, गुमराह तो वो है जो घर से निकले ही नहीं
11. प्रार्थना करना कभीमत भुलो, प्रार्थना मेँ अपार शक्ति होती है..!
12. अपने काम से मतलब रखो..!
13. समय सबसे ज्यादा किमती है, इसको फालतु कामो मेँ खर्च मत करो..!
14. जो आपके पास है, उसी मेँ खुश रहना सिखो..!
15. बुराई कभी भी किसी कि भी मत करो करो, क्योकिँ बुराई नाव मेँ छेद समान है, बुराई छोटी हो बडी नाव तो डुबोही देती है..!
16. हमेशा सकारात्मक सोच रखो..!
17. हर व्यक्ति एक हुनर लेकर पैदा होता बस उस हुनर को दुनिया के सामने लाओ..!
18. कोई काम छोटा नही होता हर काम बडा होता है जैसे कि सोचो जो काम आप कर रहे हो अगर आप वह काम आप नही करते हो तो दुनिया पर क्या असर होता..?
19. सफलता उनको ही मिलती है जो कुछ करते है
20. कुछ पाने के लिए कुछ खोना नही बल्कि कुछ करना पडता है..